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Arjun ke ped ke fayde आयुर्वेद में अर्जुन को औषधि के रूप में प्रयोग किया गया है। अर्जुन की छाल और रस का भी प्रयोग किया जाता है। छाल, फल, रस आमतौर पर प्रयोग किया जाता है।
अर्जुन एक बहुगुणी सदाहरित पेड़ होता है। इसका प्रयोग हृदय संबंधी बीमारियों , क्षय रोग, कान दर्द, सूजन, बुखार के उपचार में सहायक है।
यह कितनी गुणकारी जड़ी बूटी है। ये बात तो आप ऊपर समझ ही गए हैं। किन्तु आगे यह किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
और अर्जुन छाल का क्षीरपाक कैसे बनाया जाता है। इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं –
हिंदी नाम
- अर्जुन
- काहू
- कोह
- अरजान
- अंजनी
- मट्टी,
- होलेमट्ट
अर्जुन के पेड़ के फायदे Arjun ke ped ke fayde
इसका प्रयोग औषध के रूप में फल और छाल के रूप में होता है। अर्जुन की छाल में टैनिन सबसे अधिक होता है।

इसके साथ पोटेशियम, मैग्निशियम और कैल्शियम होता है। अर्जुन के पेड़ के फायदे नीचे निम्न प्रकार से हैं-
1. कान के दर्द में सहायक अर्जुन
3-4 बूँद अर्जुन के पत्ते का रस कान में डालने से दर्द कम होता है।
2. हाई बीपी में सहायक अर्जुन
अर्जुन की छाल में कई रसायन पाए जाते हैं। जिससे बढ़ा हुआ बीपी का स्तर कम होता है।

इसकी छाल से बने प्रोडक्ट भी बाजार में उपलब्ध है। जो बीपी को नियंत्रित रखने में सहायक हैं।
3.मुख पाक में सहायक Arjun ke ped ke fayde
अर्जुन के चूर्ण में तिल का तेल मिलाकर मुंह के अंदर लेप करें। इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। ऐसा करने से मुखपाक में लाभ होता है।
4.पेट की गैस में मददगार अर्जुन की छाल
10 -20 मिली अर्जुन छाल के काढ़े का रोजाना सेवन करें। इसका सेवन करने से पेट की गैस बाहर होती है। और एसिडिटी से भी अत्यधिक राहत मिलती है।
5.हृदय के लिए उपयोगी अर्जुन का फल
अर्जुन का फल भी हृदय को स्वस्थ रखता है। आजकल हृदय रोगियों की मात्रा अधिक बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में हेल्दी डाइट लेना जरूरी है।

यदि आप हृदय स्वस्थ रखना चाहते हैं। तो अर्जुन के फल का उपयोग कर सकते हैं।
अर्जुन के पेड़ के नुकसान side effect
यदि छाल का उपयोग उचित मात्रा में किया जाए। तो यह स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है। अधिक सेवन करने से निम्न समस्या हो सकते हैं-
- पेट में दर्द होना
- पेट में ऐठन का महसूस होना
- सीने में जलन होना
- एलर्जी होना
- दस्त का लगना
- जी मिचलाना
- उल्टी का आना
अर्जुन के पेड़ का उपयोग
- छाल का काढ़ा बनाकर
- चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर
- छाल को रात में एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें
- इस पानी का सेवन करें
- पत्तों का पेस्ट बनाकर फोड़े पर लगाएं
- फलों को आम फलों की तरह खाकर।
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