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भाग दौड़ भरी जिंदगी और खराब लाइफस्टाइल की वजह हमारी बॉडी के हर एक ऑर्गन पर कितना असर पड़ता है, ये आप नहीं जानते हैं। समय के साथ विकसित होने वाली बुरी आदतों के कारण हमारा दिल लगातार नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। पूरे दिन डेस्क के सामने बैठने से लेकर शराब पीने और स्ट्रेस लेने के कारण हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसे में यदि कोई एक चीज़ है जो आप अपनी हार्ट हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए कर सकती हैं, तो वो है योग, खास तौर से प्राणायाम। जी हां….. प्राणायाम न सिर्फ आपके श्वसन तंत्र बल्कि आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यदि आप रोज़ सिर्फ आधे घंटे के लिए ही प्राणायाम करती हैं तो आपके हार्ट रेट में पॉज़िटिव चेंजेस आ सकते हैं।
आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है प्राणायाम
प्राणायाम के दैनिक अभ्यास से रक्तचाप और हृदय गति को स्थायी रूप से कम करने में मदद मिल सकती है जिसका अर्थ है कि हृदय धीमी गति से काम करता है। प्राणायाम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका अभ्यास किसी भी स्थान पर बिना किसी टूल के किया जा सकता है।
दिल का दौरा आमतौर पर तब होता है जब हृदय को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली धमनी अवरुद्ध हो जाती है। इसका परिणाम रक्त के थक्के के रूप में होता है जो धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए प्राणायाम ज़रूरी है।
ऐसे कौन से प्राणायाम हैं जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)
इस अभ्यास में, सांस छोड़ने की आवाज़ मधुमक्खी की आवाज़ जैसी होती है। इसे करने के लिए सबसे पहले एक आरामदायक स्थिति में बैठें।
अपनी आंखें बंद करें। अंगूठे से अंदर की ओर मोड़कर अपने कानों को बंद करें।
फिर अपनी तर्जनी को भौंहों पर और दूसरी उंगली को बंद आंखों पर टिकाएं। अब नाक पर दोनों तरफ से हल्के से दबाव डालें।
अपनी एकाग्रता भौंहों के बीच के क्षेत्र पर रखें। बंद मुंह में ओम शब्द को गुनगुनाते हुए नाक से सांस लें।
इस प्रक्रिया को 5 मिनट तक दोहराएं।

नाडी शोधन प्राणायाम (Nadi shodhana pranayama)
यह प्राणायाम के सर्वोत्तम प्रकारों में से एक है। यह श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। अध्ययन के अनुसार, यह तनाव और चिंता को कम करता है। यह मानव शरीर के तीन दोषों में संतुलन लाता है।
वज्रासन में बैठ जाएं। दाहिने नथुने को दाहिने अंगूठे से बंद करें, श्वास लें और बाएं नथुने से सांस छोड़ें।
अब दायीं नासिका छिद्र को छोड़ दें और बायीं नासिका छिद्र को दाहिनी छोटी उंगली से बंद कर लें।
दाहिनी नासिका से श्वास लें और छोड़ें। इस सेट को 10 बार दोहराएं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anuloma Viloma Pranayama)
प्राणायाम की मुद्रा लें। सबसे पहले दाहिनी नासिका को बंद करें, बायीं नासिका से 4 गिनती तक सांस अंदर लें। अपने बाएं नथुने को बंद करें।
16 तक गिनने के लिए सांस को रोककर रखें, अपना दाहिना नथुना खोलें और 8 तक गिनने के लिए हवा को बाहर निकालें।
इसी प्रक्रिया का पालन करें जब आप दाहिने नथुने से श्वास लेते हैं।
इस पूरी प्रक्रिया को 5 बार दोहराएं।
कपालभाति प्राणायाम (Kapalabhati Pranayama)
यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है।
यह प्राणायाम पूरे शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है। सबसे पहले आराम से बैठ जाएं।
एक गहरी सांस लें और उदर क्षेत्र के विस्तार को महसूस करें। जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपने पेट को रीढ़ की ओर खींचे।
व्यायाम के 1 सेट को पूरा करने के लिए 20 बार करें।
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