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जब आप बहुत गुस्स में होती हैं, तब किसी का प्यार से कंधे थपथपाना या मम्मी-पापा का सिर पर हाथ फेरना आपका सारा गुस्सा शांत कर देता है। इससे न सिर्फ आप रिलैक्स महसूस करती हैं, बल्कि थोड़ी भावुक भी हो जाती हैं। असल में स्थिति सामान्य हो या तनावपूर्ण प्यार भरा स्पर्श आपके दिमाग और मन को राहत पहुंचाता है। वैज्ञानिक इसे टच थेरेपी का कमाल बताते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि एक प्यार भरा स्पर्श आपको तनावमुक्त (benefits of touch therapy) करने में मददगार हो सकता है।
भारत में स्पर्श चिकित्सा है पुरानी
सदियों पहले भारत में स्पर्श चिकित्सा दी जाती थी। रिसर्च बताते हैं कि स्पर्श या छूने से व्यक्ति की मांसपेशियों के साथ-साथ उसकी भावनाओं का भी तनाव कम होता है। स्पर्श मानव मन के लिए जरूरी एहसास है। कई वैज्ञानिक रिसर्च में यह दावा किया गया हैकि स्पर्श करुणा या दया जैसे भावों का संवाहक है। इसलिए स्पर्श हमारे दिमाग को अच्छा लगता है और हम तनाव मुक्त हो जाते हैं।
जानिए स्पर्श के बारे में क्या कहती है रिसर्च
डीपॉव यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टी हर्टेंस्टीन ने अपने लैब में एक व्यक्ति को एक सेकेंड के लिए अलग-अलग तरह के भावों के साथ स्पर्श कराया। वह व्यक्ति स्पर्श करने वाले व्यक्ति को देख नहीं सकता था। उसे सिर्फ स्पर्श को महसूस करना था। उस व्यक्ति ने 50 प्रतिशत से अधिक भावनाओं पर आधारित स्पर्श को पहचान लिया। इसमें क्रोध, डर, आशंका, प्यार आदि के भाव वाले स्पर्श शामिल थे। जब प्यार की भावना के साथ व्यक्ति को स्पर्श किया गया, तो उसका दिमाग सबसे अधिक तनाव रहित देखा गया।
नवजात शिशुओं का वजन बढ़ाने में मददगार (Touch Therapy for New Born Babies)
अमेरिका की जानी-मानी टच थेरेपिस्ट और साइकोलॉजिस्ट टिफनी फील्ड ने प्रीमैच्योर बच्चों पर एक शोध किया। इसके अनुसार, नवजात शिशुओं को 5-10 दिनों के लिए हर दिन केवल 15 मिनट के लिए सिर पर हाथ फेरा जाता और पूरे शरीर को प्यार से छुआ जाता। बच्चों को इस टच थेरेपी के तीन सत्र दिए जाते थे।

जिन बच्चों को टच थेरेपी दी गई, उनका वजन 47 प्रतिशत से अधिक हो गया। चैलेंजिंग बच्चों पर भी टच थेरेपी का सकारात्मक (Benefits of Touch Therapy) प्रभाव हो सकता है। टिफनी फील्ड के कुछ शोध से पता चलता है कि ऑटिज्म वाले बच्चे को पेरेंट्स या डॉक्टर द्वारा टच थेरेपी दी जाती है, तो उन्हें अच्छा लगता है। टिफनी फील्ड ने प्रेगनेंट महिलाओं के पेन को रिलीज करने में भी टच थेरेपी को कारगर पाया।
अल्जाइमर के मरीजों पर प्रभावी (Touch therapy for Alzheimers Patient)
साइंटिस्ट जिम कोन और रिचर्ड डेविडसन ने एक स्टडी में पाया कि जिन लोगों ने भयानक ब्लास्ट की आवाज सुनी, उनके ब्रेन में डर और स्ट्रेस पाया गया। डरे हुए लोगों को जब उनके पार्टनर ने उनके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और थपथपाया, तो उनका स्ट्रेस गायब हो गया। प्यार से हाथ फेरना या थपथपाना खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी माना गया है।

यूसी बर्कली स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने पाया कि अल्जाइमर के मरीजों पर भी टच थेरेपी कारगर है। जब उनके सिर पर प्यार से हाथ फेरा गया, तो उन्हें रिलैक्स होने में मदद मिली। उनमें डिप्रेशन के लक्षण भी कम देखे गये। फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक निकोलस गुएगुएन ने अपने अध्ययन में पाया कि जब टीचर दोस्ताना भाव से छात्रों को थपथपाते हैं, तो उन छात्रों ने कक्षा में तीन गुना अधिक प्रश्नों के जवाब दिए।
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